मंगलवार, 19 सितंबर 2023

हिन्दी साहित्य की कुछ मिलती जुलती नामों वाली रचनाएं

हिन्दी साहित्य की कुछ मिलती-जुलती नामों वाली रचनाएँ।।।।

कफ़न (कहानी) प्रेमचंद  
तिरंगे कफ़न (कहानी) अमृत राय

कफ़न खोर (उपन्यास) बटरोही
अपराजिता (काव्य)~रामेश्वर शुक्ल अंचल।।
अपराजिता (उपन्यास)~चतुरसेन शास्त्री।।
नीली झील (कहानी)~कमलेश्वर।।
नीली झील (एकांकी)~धर्मवीर भारती
अर्धनारीश्वर (उपन्यास)~विष्णु प्रभाकर
अर्धनारीश्वर (निबंध)~दिनकर
एक पति के नोट्स (उपन्यास)~महेंद्र भल्ला
एक पत्नी के नोट्स (उपन्यास)~ममता कालिया
एक कस्बे के नोट्स(उपन्यास)~नीलेशरघुवंशी
त्रिशंकु (कथा संग्रह)~मन्नू भंडारी
त्रिशंकु (नाटक)~ब्रजमोहनसिंह
त्रिशंकु (निबंध)~अज्ञेय
अनित्य (उपन्यास)~मृदुला गर्ग
अनित्य (कहानी)~ बदी उज्जमा
पंच परमेश्वर (कहानी)~प्रेमचंद
पंच परमेश्वर (कहानी)~रांगेय राघव
झूठा सच (उपन्यास)~यशपाल
झूठ सच (निबंध)~सिया राम शरण गुप्त
काली आँधी (उपन्यास)~कमलेश्वर
पीली आँधी (उपन्यास)~प्रभाखेतान
द्रौपदी (प्रबंध काव्य)~नरेंद्र शर्मा
द्रौपदी (उपन्यास)~प्रतिभा राय
द्रौपदी (नाटक)~सुरेंद्रवर्मा
बाँधो न नाव इस ठाँव (उपन्यास)~उपेन्द्र नाथ
अश्क
बाँधो न नाव इस ठाँव (काव्य)~निराला
संन्यासी (उपन्यास)~इलाचंद्र जोशी
संन्यासी (नाटक)~लक्ष्मी नारायण मिश्र
युवा संन्यासी (नाटक)~कैलाश वाजपेयी
उर्वशी (काव्य)~प्रसाद
उर्वशी (काव्य)~दिनकर
रश्मि (काव्य)~महादेवी
रश्मि रथी (काव्य)~दिनकर
पिता (कहानी)~ज्ञानरंजन, महीप सिंह, धीरेन्द्र
अस्थाना
केवल पिता ( कहानी)~सेवाराम यात्री
पिता दर पिता (कहानी)~रमेश वक्षी
दीपशिखा (काव्य)~महादेवी
दीपशिखा (नाटक)~रेवती शरन शर्मा
मुक्ति पथ (नाटक)~उदयशंकर भट्ट
मुक्ति पथ (उपन्यास)~इलाचंद्र जोशी
मुक्ति पथ (उपन्यास)~अभय मौर्य
मुक्ति पर्व (उपन्यास)~मोहनदास नैमिशराय
मुक्ति प्रसंग (काव्य)~राज कमल चौधरी
मम् अरण्य (उपन्यास)~सुधाकर अदीब
अन्तिम अरण्य (उपन्यास)~निर्मल वर्मा
दूब धान (काव्य)~अनामिका
दूब धान (कहानी)~उषा किरन खान
राग विराग (कहानी)~हरिशंकरपरसाई
राग विराग (निराला की कविताओं का संग्रह)
~रामविलास शर्मा
धरती (काव्य ) ~त्रिलोचन
धरती (उपन्यास)~भैरव प्रसाद गुप्त
वसीयत (नाटक)~भगवती चरण वर्मा
वसीयत (नाटक)~नागबोडस
पंचवटी (काव्य)~मैथिलीशरण गुप्त
पंचवटी प्रसंग (काव्य)~निराला
उपसंहार (उपन्यास)~योगेशगुप्त
उपसंहार (उपन्यास)~काशी नाथ सिंह
गुलाम बादशाह (नाटक)~नंद किशोर आचार्य
गुलाम बादशाह (उपन्यास)~रूप सिंह चंदेल
बादशाह गुलाम बेगम (नाटक)~गिरिराज किशोर
गुनाहों का देवता (उपन्यास)~धर्मवीर भारती
देवता के गुनाह (उपन्यास)~देवेशठाकुर
तीसरा हाथी (नाटक)~रमेश वक्षी
अंधों का हाथी (नाटक)~शरद जोशी
पागल हाथी (लघु कथा)~प्रेमचंद
शह और मात (उपन्यास)~राजेंद्र यादव
शह ये मात (नाटक)~ब्रजमोहनसिंह
धूप के धान (काव्य )~गिरिजा कुमार माथुर
धूप की उंगलियों के निशान (कथा संग्रह)-महीप
सिंह
धूप कोठरी के आइने में खड़ी ( काव्य) ~शमशेर
बहादुर सिंह
सीढियों पर धूप (काव्य)~रघुवीर सहाय
धूप में जग रूप सुन्दर (काव्य)~त्रिलोचन
धूप के हस्ताक्षर (गजल)~ज्ञान प्रकाश विदेह
पक गई है धूप ( काव्य )~राम दरश मिश्र
उभरती हुई धूप (उपन्यास)~गोविन्द मिश्र
टहनियों पर धूप (कहानी )~मेहरुन्निसा परवेज
धूप की तलवार (कविता)~केदारनाथ अग्रवाल।।।

आधुनिक काल

प्रश्न =1गड़रिये और दार्शनिक किस का अनुवादित ग्रन्थ है-
(अ) हरमिट
(ब) शेफर्ड एण्ड फिलॉसफर√√
(स) डेजर्ट विलेज
(द)ट्रैवलर

प्रश्न =2 ‘पुनर्जागरण दो जातीय संस्कृतयो की टकराहट से उतपन्न रचनात्मक ऊर्जा है।’
कथन है
(अ) डॉ बच्चन सिंह
(ब) डॉ सुनीति वर्मा
(स) डॉ रामस्वरूप चतुर्वेदी√√
(द) श्री धर पाठक

प्रश्न =3 ‘ निज भाषा उन्नति अहे सब उन्नति को मूल’ कथन है
(अ) भारतेन्दु √√
(ब) स्वामी विवेकानंद
(स) महात्मा गांधी
(द)रवीन्द्र नाथ ठाकुर

प्रश्न =4भारतेन्दु जी किस नाटक में अभिनय किया-
(अ) प्रेम जोगिनी
(ब) श्री चन्द्रावली
(स)वैदिकी हिंसा, हिंसा न भवति
(द)जानकी मंगल√√

प्रश्न =5 माधवी और रूप रतन हुस्ना ‘नागरी’ किस युग की कवयित्रियाँ है-
(अ) भारतेन्दु युग√√
(ब) द्विवेदी युग
(स)छायावाद
(द) पूर्व भारतेन्दु युग

प्रश्न =6 काव्य मंजूषा के रचियता-
(अ) श्री धर पाठक
(ब)  भारतेन्दु
(स)गोपाल चन्द्र
(द) महावीर प्रसाद द्विवेदी√√

प्रश्न =7 उमर खैयाम की रुबाइयाँ की कृति है-
(अ) श्री धर पाठक
(ब) महावीर प्रसाद
(स)हरिवंश राय बच्चन√√
(द)जयशंकर प्रसाद

प्रश्न =8 द्विवेदी युग में रचित जयशंकर प्रसाद की अतुकांत रचना है-
(अ) कामायनी
(ब) प्रेमपथिक√√
(स)झरना
(द)लहर

प्रश्न =9 ‘तुम अर्ध नग्न क्यों रहो अशेष समय में। आओ, हम काते बुने गान की लय में’……..  पंक्तिया किसकी है व् किस संग्रह से है
(अ) प्रेमघन (प्रेमघन सर्वसव)
(ब) पंत जी( लोकायतन)
(स)ठाकुर प्रसाद सिंह ( महामानव)
(द)मैथिली शरण गुप्त(साकेत)√√

प्रश्न =10 ‘ बिखरे मोती’ किसका प्रथम कहानी संग्रह है-
(अ) सुभद्रा कुमारी चौहान
(ब) श्री धार पाठक
(स)जय शंकर √√
(द) महादेवी वर्मा

Q.1  ‘सुख दुःख की भावेशमयी अवस्था विशेष का गिने चुने शब्दो मे स्वर साधना के उपर्युक्त चित्रण कर देना ही गीत है’ किंसने कहा?
A पन्त
B महादेवी वर्मा√√
C महावीर प्रसाद
D रामकुमार वर्मा

Q.2 ‘मानव अथवा प्रकृति के सूक्ष्म किंतु व्यक्त सोंदर्य में आध्यात्मिक छाया का भान मेरे विचार में छायावाद की एक सर्वमान्य व्याख्या हो सकती है’ किंसने कहा
A शुक्ल
B नंदुलारे वाजपेयी√√
C नगेन्द्र
D हजारीप्रसाद

Q.3 ‘छायावाद काव्य न रहकर केवल अलंकृत संगीत बन गया था’ किस कवि ने कहा?
A निराला
B पन्त√√
C प्रसाद
D शुक्ल

Q.4 ‘चंचला स्नान कर आवै, चंद्रिका पर्व में जैसी’ पंक्ति किस काव्य से है?
A लहर
B आंसू√√
C झरना
D जूही की कली

Q.5 मुक्त करो नारी को मानव। चिर बंदिनी नारी को पंक्ति किस कृति से ली गयी है?
A पंचवटी
B युगांत
C गुंजन
D युगवाणी√√

Q.6 निम्न में से असंगत है?
A कल्पी-आरसी प्रसाद सिंह
B अपराजिता-अंचल
C किरण बेला- केदारनाथ अग्रवाल√√
D सुवर्णा-नरेंद्र शर्मा

Q.7 महादेवी जी का वह काव्य संग्रह कौन सा है जिसमें उनके दार्शनिक विचार अधिक प्रौढ़ रूप में उभर कर आए हैं
A रश्मि
B निहार
C निरजा
D सांध्यगीत√√

Q.8 अपनी व्यक्त पूर्णता को अव्यक्त पूर्णता में मिटा देने की इच्छा ही रहस्यवाद है उपर्युक्त कथन किसका है ?
A जयशंकर प्रसाद
B महादेवी वर्मा √√
C श्याम सुंदर दास
D आचार्य शुक्ल

Q.9 छायावाद तत्वत: प्रकृति के बीच जीवन का उद्गीथ है ।…इसका मूल दर्शन सर्वोत्तमवाद है यह परिभाषा किसकी हैं
A जयशंकर प्रसाद
B पंत
C रामकुमार वर्मा
D महादेवी वर्मा√√

Q.10 “जब वेदना के आधार पर स्वानुभूतिमयी अभिव्यक्ति होने लगी तब हिंदी में उसे छायावाद के नाम से अभिहित किया गया ।” यह कथन किस व्यक्ति का है
A प्रसाद √√
B परमानंद श्रीवास्तव
C डॉ नगेंद्र
D शांतिप्रिय

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

प्रश्न संख्या 10 गलत है
उत्तर अ सही है।